मेहेफिल मसीहा की
मेहेफिल मसीहा की, शान भी मसीहा की ये मेहेफिल सजाने, आये है हम | मसीहा से मिलेंगे, मसीहा से कहेंगे । तेरे गीत गाने, आये है हम ।। कोरस ।। मसा की फराबानी की, उकाबो सी जवानी की शिफा कि अब्जानी की, हमे आरजू । २ मसा से भर जायेंगे, हवामें उड जायेंगे । तेरे रुहसे भरने आये है हम ।।१।। मसीहा ही सहारा है, मसीहा जाँनसे प्यारा है गुनाहो का कफारा है, जिन्दा खुदा । २ मीठी मीठी जिंदगी, रुहोंकी ताजगी । नयी ज्योत देने आये है हम ।।२।। नजर है मसीहा पर, फकर है मसीहा पर इमान मसीहा पर, मसीहा तू आ । २ है दिलहन मुंतजर, नजर अफलाकपर नक्कारे को सूनने आयें है हम ।।३।। मसा : अभिषेक फराबानी : अब्जानी : आरजू : desire/इच्छा कफारा : प्रायश्चित/atonement फकर : अभिमान/proud इमान : विश्वास दिलहन : दुल्हन मुंतजर : इंतजार /to wait anxiously for अफलाक : स्वर्ग/ heaven नक्कारे : drum